मिलावट खोरी और कालाबाजारी के खिलाफ एक उपभोक्ता की आवाज क्या-क्या है? सरकारी उपभोक्ता अदालतें आपके लिए, जमाखोरी मिलावट खोरी के खिलाफ इस तरह से करें शिकायत दर्ज पूरी जानकारी
स्वास्थ्य उत्तम धन होता है। यह कहावत सदियों से चली आ रही है लेकिन आज मिलावट खोरी का बाजार इतना गर्म है कि इंसान परेशान है कि वह स्वस्थ खाद्य सामग्री कैसे हासिल करें। तेल, घी, हल्दी, मिर्च, चावल जैसे तमाम पदार्थ में मिलावट का साम्राज्य बहुत तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे मिलावट वाले सामान खाकर लोग बीमार पड़ने कई तरह की बीमारियों को न्योता मिल रहा है। हालांकि सरकार में मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ समय-समय पर कदम उठाती है लेकिन इन बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि सरकारी डिपार्टमेंट के चंद लोग भी मिलावट खोरी को पकड़ने के बजाय उसे छिपाने में समझदारी दिखाते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार की कमाई मिलती है लेकिन आम जनता लगातार परेशान हो रही है। अगर आपके साथ भी कोई खाद्य पदार्थ खरीदने पर या खाने में किसी तरह की मिलावट करी की घटना घटती है तो इसकी जानकारी आपको उपभोक्ता फोरम में दर्ज कर सकते हैं। एक उपभोक्ता होने के नाते मिलावट करो के खिलाफ आप क्या बड़ा कदम उठा सकते हैं इसके बारे में हम यहां जानकारी देने जा रहे जन जागरूकता वाली सरकारी योजना की इस जानकारी का लाभ आप भी उठाएं। अब ग्राहक लोग जाग जाइए! मिलावट खोरी के खिलाफ कदम उठाने के लिए आपके पास कई तरह के कानूनी अधिकार और फोरम है, यहां आप शिकायत दर्ज करके इन मिलावटखोरों के खिलाफ आंदोलन छेड़ सकते हैं।
खाद्य पदार्थों मे कौन-कौन सा नकली सामान मिलाया जाता है
खाद पदार्थ | मिलाया जाने वाला नकली सामान |
दूध | पानी और वॉशिंग पाउडर |
मिठाई | केमिकल वाला रंग, नकली खोवा |
चायपत्ती | नकली केमिकल वाली काली पत्तियां |
कालीमिर्च | पपीते का बीज |
मिर्च पाउडर | नकली लाल रंग |
सरसों के तेल में तेज गंध के लिए | मिर्ची का तेल |
आटे | चोकर |
हल्दी | पीलेरग का केमिकल |
चावल | कंकड़ और लो क्वालिटी का चावल |
नकली सामान मिलावट खोरी और ठगे जाने की स्थिति में कानून आपका साथ देता है। उपभोक्ता फोरम अदालत में भी मामला आप खुद अपने स्तर से दर्ज करके अपने लिए न्याय प्राप्त कर सकते हैं और दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। इसके साथ ही अगर आपको मिलावट खोरी के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो मिलावटखोरों का हौसला पस्त हो जाएगा। रेस्टोरेंट से लेकर ठेले की दुकान में मिलावट वाले सामान खाद्य पदार्थ मिलते हैं।
भारत में उपभोक्ताओं के साथ हर समय होता है छल
आप जब कोई सामान खरीदते हैं तो निश्चित तौर पर आप एक ग्राहक के तौर पर उपभोक्ता के तौर पर जाने जाते हैं। आज जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, कम नापतोल, घटिया और नकली सामान जैसी समस्याओं से एक उपभोक्ता इस महंगाई के जमाने में घिरा हुआ है। इसके साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोग सरकारी डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण पाल बढ़ रहे हैं और उपभोक्ताओं के कदम कदम पर कांटे बो रहे हैं। तिवारी सीजन में कई तरह के खाद्य पदार्थों की डिमांड बढ़ जाती है। इसका फायदा उठाकर कालाबाजारी मिलावट खोरी करने वाले कुछ लोग अपने फायदे के लिए दूसरे की जान जोखिम में डालना शुरू कर देते हैं। दरअसल नकली माल और मिलावटी सामान बेचकर जनता के साथ धोखा करते हैं। मिलावटखोरी के खिलाफ अब आप अपने अधिकारों का उपयोग करके इनको जवाब दे सकते हैं। काला बाजार मिलावट खोरी की घटना अगर आपके साथ होती है तो इसे बर्दाश्त ना करें बल्कि इसके खिलाफ कदम उठाए पूरी जानकारी इस आर्टिकल के साथ हम जानकारी देने जा रहे हैं कि आप एक उपभोक्ता होने के नाते किस तरीके से जमाखोरी औरमिलावटखोरी के खिलाफ कदम उठा सकते हैं।
अगर आप धोखाधड़ी ठगी या फिर मिलावटखोरी का शिकार होते हैं तो इस तरह की घटना के खिलाफ आपको तुरंत कदम उठाना चाहिए। कैसे उठाएं कदम? क्या करें? इसके बारे में पूरी जानकारी इस स्पेशल रिपोर्ट में।
आपके साथ अगर इस तरह की कोई घटना घटती है। जिसमें आप ठगे जाते हैं या मिलावट कोरी का शिकार होते हैं तो आप कालाबाजारी करने वाले खिलाफ कदम उठाने के लिए उपभोक्ता के अधिकारों का उपयोग करके आप जागो ग्राहक की श्रेणी में आ सकते हैं। उपभोक्ता अदालत आपके लिए ही बनाया गया है। जहां पर जमाखोरों और कालाबाजार के खिलाफ आप आवाज उठाकर अपने लिए न्याय हासिल कर सकते हैं।
क्या-क्या है उपभोक्ता के अधिकार
आज की भाग दौड़ की जिंदगी में हम अपने आज जिंदगी को आसान बनाने के लिए रेडीमेड खाद्य पदार्थों से लेकर बहुत कुछ खरीदते हैं लेकिन कई मामलों में जब हम ठगे जाते हैं तो हमें पता चलता ही नहीं कि हमारे बहुत से अधिकार हैं जो एक उपभोक्ता के अधिकार होते हैं। इन कानूनी अधिकारों का प्रयोग करके हम घटिया वस्तु या घटिया सेवा मिलावटखोरों के खिलाफ को कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं। लिए जाने एक उपभोक्ता की क्या-क्या अधिकार भारत सरकार द्वारा दिया गया है इसका हम कैसे इस्तेमाल करें यह सब जानकारी इस आर्टिकल के साथ हम परोसने जा रहे हैं।
उपभोक्ता कौन होता है?
आपको बता दे कि जब आपको समान किसी दुकानदार से खरीदते हैं तो आप कस्टमर यानी उपभोक्ता कहलाते हैं। यदि कोई भी वस्तु या सेवा के बदले आपको पैसा देते हैं तो आप उसे दुकानदार के लिए कस्टमर यानी उपभोक्ता करते हैं। अगर आपको घटिया वस्तु या सेवा मिलती है या मिलावटी सामान मिलता है या घटिया स्तर की सेवा मिलती है तो इसके खिलाफ आपके कंज्यूमर राइट्स है जिसे उपभोक्ता अधिकार कहा जाता है। लेकिन इसको जाने से पहले एक कस्टमर यानी उपभोक्ता को जागरूक होना पड़ेगा इसलिए कहा जाता है, जागो ग्राहक जागो!
जागरूक ग्राहक बना समाज और देश की भलाई के लिए बहुत जरूरी होता है इसलिए भारत सरकार और राज्य सरकार ने ग्राहकों के अधिकार को संरक्षित करने के लिए मजबूत कानून बनाए हैं जिसका उपयोग करके हम अपने जीवन को बेहतरीन बना सकते हैं।
क्या है कंज्यूमर प्रोटक्शन राइट
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट यानी कि उपभोक्ता संरक्षण कानून; इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानकारी रखते हैं। आजकल चारों तरफ तरह-तरह की मिलावटी वस्तुओं के साथ ही खाद्य पदार्थों में सड़ी गली वस्तुएं भी डालकर बेची जाती है। ग्राहकों को इस बात की कोई खबर ही नहीं होती है। अगर कोई जागरूक ग्राहक इसकी शिकायत दुकानदार से करता है तो दुकानदार झगड़े पर उतारू होजाता है। धमकियां मिलने के कारण उपभोक्ता इस बात को नजरअंदाज कर देता है लेकिन यही सबसे बड़ी गलती होती है। असल में हमारे चारों तरफ स्ट्रीट फूड के नाम पर इसके साथ ही बड़े-बड़े ढाबे और रेस्टोरेंट में किस तरह का कैसा पदार्थ बेचा जा रहा है? इसके बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और दूसरे डिपार्टमेंट इस पर निगरानी रखते हैं लेकिन सरकारी काम के बारे में आप जानते ही हैं कि यहां पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी का इतना बड़ा साम्राज्य फैला हुआ है कि आप किसी पर विश्वास नहीं कर सकते हैं। इसलिए एक जागरूक नागरिक के साथ एक जागरूक ग्राहक बना बहुत जरूरी है।
सरकार ने दिया है कौन-कौन से अधिकार
उपभोक्ता को सरकार द्वारा कंज्यूमर राइट्स का कानून दिया गया है। खरीदार इन राइट्स का उपयोग करके अपने हितों की रक्षा कर सकता है। देखा गया है कि कई दुकानदार कम जागरूक उपभोक्ता को बेवकूफ बनाते हैं और घटिया सामान अधिक कीमत में बेच देते हैं। इस कारण से ग्राहक ठगा हुआ खुद को महसूस करता है।
अगर आप कोई मिठाई खरीदने जाते हैं उसकी कीमत अदा करते इसके बाद वह मिठाई लेकर आते हैं और पता चलता है की मिठाई खराब है तो इस तरह से आपके साथ दुकानदार ने छल किया है। कोई भी दुकान आपको खराब वस्तु नहीं दे सकता है। अगर खराब वस्तु देता है तो आप कंज्यूमर राइट्स का उपयोग कर सकते हैं। सबसे पहले उसे समान को बदलने के लिए दुकानदार से कहें यदि वह मानता नहीं है तो फिर आप अपने कंज्यूमर राइट्स का उपयोग कर सकते हैं। इसके बारे में पूरी जानकारी आगे दी जा रही है।
राइट टू इनफार्मेशन कानून
अगर आप किसी भी दुकानदार या ब्रांड की वस्तु इस्तेमाल करते हैं। उसे वास्तु के बारे में पूरी जानकारी राइट टू इनफार्मेशन कानून के जरिए। उसे वस्तु और सेवा के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
वस्तु की क्वांटिटी
वस्तु में मिलाई गई चीजें
उत्पाद की क्वालिटी
उपभोक्ता इस कानून के बारे में जानकारी इस कानून के अंतर्गत हासिल कर सकता है।
अपने पसंद की समान या खरीदारी का उपभोक्ता को अधिकार
इस राइट टू चूज अधिकार कहा जाता है दरअसल आप किसी प्रोडक्ट का चुनाव अपनी मर्जी के अनुसार कर सकते हैं। दुकानदार या कोई ई कॉमर्स कंपनी आपको कोई भी प्रोडक्ट लेने के लिए अपनी ओर से बात नहीं कर सकता है।
यहां इस बात का ख्याल रखा जाता है कि ग्राहक अपनी मनपसंद की वस्तुएं अपनी इच्छा अनुसार खरीदे। लेकिन दुकानदार या कंपनी ई कॉमर्स द्वारा यदि जबरदस्ती कोई सामान दिया जाता है तो यह एक तरह से गलत होता है। इसके खिलाफ वह उपभोक्ता फोरम पर अर्जी दायर कर सकता है। इसलिए किसी के दबाव में उपभोक्ता कोई भी समान नहीं खरीद सकता है। उसे मनपसंद सामान खरीदने की मर्जी इस अधिकार के द्वारा दी जाती है।
राइट टू हर्ड का उपभोक्ता को अधिकार
ग्राहक यदि कोई सामान खरीदना उसके साथ बेईमानी या न्याय होता है तो उसकी बात दुकानदार और कंपनी को सुनना जरूरी होता है यानी इस बार सेवा इनकार नहीं कर सकता है कि उपभोक्ता की हम कोई बात सुनेंगे नहीं। अगर कोई दुकानदार अपने ग्राहक के साथ बदतमीजी करता है तो ग्राहक को पूरा अधिकार है कि इसके खिलाफ उपभोक्ता फोरम में जकर वाद दायर कर सकता है।
ग्राहक के लिए राइट टू रिड्रेसल का कानून
ग्राहकों के हित में यहां कानून बनाया गया है जिसे राइट टू रिड्रेसल कानून कहा जाता है। इस कानून के अंतर्गत अगर कोई दुकानदार या कंपनी आपको बेकार प्रोडक्ट देता है तो उसके बदले में आप उसे सही प्रोडक्ट ले सकते हैं या फिर रिलीफ मनी ले सकते हैं। यह अधिकार आपको कंस्यूमर राइट के तहत किया जाता है। ग्राहकों के अधिकार के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी है।
खराब प्रोडक्ट मिलावटी सामान बेचने वाले के खिलाफ ऑनलाइन पोर्टल पर करें शिकायत
अगर आपको कोई खराब प्रोजेक्ट है या मिलावटी सामान देता है तो उसके खिलाफ आप ऑनलाइन शिकायत करसकते हैं। अगर आपने खरीदारी की और आपको हो दुकानदार ने उठा लिया या आई की कॉमर्स में बेकार वस्तुएं आपको दी गई तो आप इस फ्रॉक के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में भी जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप इसके लिए ई दाखिल पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
आपको बता दे कि उपभोक्ता की शिकायत को ऑनलाइन दर्ज करने के लिए पोर्टल बनाया गया है इस पोर्टल में आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं जिस पर कंज्यूमर फोरम की तरफ से कार्रवाई की जाती है। आपकी शिकायत की जांच होती है इसके बाद शिकायत सही अपने पर संबंधित कंपनी या दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। उसे दंडित किया जाता है।
ई कंज्यूमर कोर्ट की पोर्टल आई दाखिल द्वारा आपको आसानी से न्याय मिल जाता है।
ई कंज्यूमर कोर्ट पोर्टल में अपनी शिकायत कैसे दर्ज करें
अगर आप कोई सामान खरीदते हैं या प्रोडक्ट खरीदते हैं या कोई सेवा लेते हैं। खराब सामान या खराब प्रोडक्ट की वजह से आपको शिकायत है। यदि किसी ने मिलावटी सामान बेच दिया उसके खिलाफ ऑनलाइन शिकायत करना चाहते हैं तो कंज्यूमर कोर्ट में ऑनलाइन शिकायत कर सकते इसके बारे में पूरी जानकारी यहां दी जा रही है। निम्नलिखित स्टेप आपको अपनाना है।
https://edaakhil.nic.in/edaakhil/ सरकारी वेबसाइट पर विजिट करना है।
जैसे इस पर आप क्लिक करेंगे तो उपभोक्ता अपना नाम यहां दर्ज करेंगे।
मोबाइल नंबर दर्ज करके आप अपना यहां एक अकाउंट बनाएंगे।
हिंदी या अंग्रेजी या किसी भी भारतीय भाषा में अपनी शिकायत दर्ज करेंगे।
इसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर डीजे इस तरह से आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी इसका एक ट्रैक नंबर आपको मिलेगा जिससे आप अपनी शिकायत की स्टेटस को देख सकते हैं।
मिठाई के साथ डिब्बा तौलने वाले पर 5000 का जुर्माना, टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत नाम रखा जाएगा गुप्त
घाटतौली और मिठाई के साथ डिब्बा तौलने पर ₹5000 की जुर्माना देना होगा। इस समय कालाबाजारी और जमाखोरी के साथ-साथ ही मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है।
अगर आपके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी कोई भी वस्तु खरीदते समय होती है तो आप टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। आपका नाम गुप्त रखा जाएगा। वही आपको बता दे कि मिठाई के साथ डिब्बा तोड़ने पर ₹5000 का जुर्माना सरकार द्वारा लगाया जाएगा।
नकली सामान बेचने और जमाखोरी के साथ-साथ इकटोरी करने वाले बेईमान लोगों पर नकेल कसने के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया। घाटतौली और मिलावटखोरों के खिलाफ टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं शिकायत नाम रखा जाएगा गुप्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन स्कीम निकाली गई है। घाटतौली पर अंकुश लगाने के लिए ग्राहकों को जागरूक किया जा रहा है।
खटतौली के खिलाफ टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत
टोल फ्री नंबर पर आप शिकायत कर सकते हैं। अगर कोई मिठाई विक्रेता मिठाई के साथ डिब्बा तोलता है तो ₹5000 का जुर्माना विक्रेता पर लगाया जाएगा। नागरिक इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं।
शिकायत होने के तुरंत बाद दुकानदार पर कार्रवाई होगी और आपका नाम भी गुप्त रखा जाएगा।मिठाई के साथ मिठाई का डिब्बा भी तौलकर खरीदार को बेवकूफ बनाने का और धोखाधड़ी करने का सिलसिला वर्षों से जारी है। 100 ग्राम 50 ग्राम डिब्बे का वजन होता है।
अगर आप 1 किलो मिठाई खरीदने हैं तो 100 से 50 ग्राम मिठाई आपके काम मिलता है दरअसल दुकानदार डिब्बा भी टोल देता है। ₹500 किलो मिठाई है तो 100 ग्राम की घतौटोली के हिसाब से ₹50 का चूना दुकानदार अपनी चालाकी से लगा देता है। जबकि उसे डिब्बे की कीमत दो ₹3 से ज्यादा नहीं होती है।
अगर आपके साथ तेज घटना घटती है तो आप टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं।घाटोली और नकली सामान के खिलाफ उपभोक्ता खाद एवं रसद विभाग के टोल फ्री नंबर 18001800150 पर तुरंत शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके अलावा उपभोक्ता संरक्षण बाट-माप विभाग में आपको विभाग के टोल फ्री नंबर 18001805512 शिकायत कर सकता है। विभाग द्वारा आप की शिकायत किए जाने पर आपकी सूचना गुप्त रखेगा इसके साथ ही तुरंत दुकानदार पर कार्रवाई की जाएगी उसे पर 5000 से अधिक का जुर्माना लगाया जाता है।